नई दिल्ली। गुरुवार को तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनियाभर में भारत और अफ्रीका सबसे बेहतर इकोनॉमी हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के विकास में सहयोग कर भारत को अपने ऊपर गर्व है। दोनों देशों के बीच यह पार्टनशिप आर्थिक लाभों से कहीं ज्यादा बढ़कर है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका और भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में दो आशावान और अवसरों के लिए बेहतर विकल्प हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने दरवाजे अफ्रीका के लिए और खोलेगा, हम वहां टेली-एजुकेशन का विस्तार करेंगे और अफ्रीका में लगातार निवेश करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकासशील देशों के लिए खाद्य सुरक्षा और कृषि सब्सिडी स्थाई समाधान निकालना जरूरी है। नैरोबी में इस साल के अंत में होने वाली डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका एक वैश्विक व्यापार व्यवस्था चाहते हैं, जो विकास के लक्ष्यों को पूरा करने वाली और व्यापार की संभावनाएं बढ़ाने वाली हो। Six Charts: भारत का अफ्रीका के साथ कैसा है व्यापारिक रिश्ता, जानिए जरूरी बातें
Inaugural session of the India Africa Forum Summit at Indira Gandhi Sports Complex
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विकासशील देशों के लिए खाद्य सुरक्षा अहम मुद्दा
मोदी ने कहा, जब हम दिसंबर में नैरोबी में डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक करेंगे, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन मौलिक उद्देश्यों को हासिल किए बगैर ही 2001 में दोहा विकास एजेंडा के साथ शुरू हुआ (विश्वव्यापार वार्ता) का वर्तमान दौर खत्म न हो जाए। उन्होंने कहा, हमें विकासशील देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए अनाज सरकारी भंडारण एवं कृषि क्षेत्र के लिए सुरक्षा के विशेष उपायों (एसएसएम) के संबंध में स्थाई समाधान निकालना चाहिए। अफ्रीका के पास विश्व की 60 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है, जबकि वैश्विक उत्पादन में योगदान महज 10 फीसदी है। गौरतलब है कि डब्ल्यूटीओ की महापरिषद ने खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का एक स्थाई समाधान निकलने तक मौजूदा व्यवस्था लागू रखने की भारत की मांग स्वीकार की है। खाद्य सुरक्षा मुद्दे के एक स्थाई समाधान के लिए भारत ने प्रस्ताव किया था कि या तो 10 फीसदी खाद्य सब्सिडी सीमा की गणना का फार्मुला बदला जाए, जो 1986-88 की कीमतों पर आधारित है।
दोगुना हुआ भारत और अफ्रीका के बीच कारोबार
भारत और अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के बारे में मोदी ने कहा कि एक दशक से भी कम समय में व्यापार दोगुने से अधिक होकर 70 अरब डॉलर से ज्यादा पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत अफ्रीका में व्यावसायिक निवेश का एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है। आज 34 अफ्रीकी देशों की वस्तुओं को भारतीय बाजार में शुल्क मुक्त प्रवेश की छूट प्राप्त है।