Highlights
- डब्ल्यूटीओ की बैठक 30 नवंबर से शुरू होकर तीन दिसंबर तक चलेगी जिसमें 164 देश हिस्सा लेंगे
- डब्ल्यूटीओ मानकों के तहत किसी देश का खाद्य सब्सिडी बिल, उत्पाद मूल्य का अधिकतम 10 फीसदी हो
- भारत इन नियमों को देश के खाद्य सुरक्षा में बाधा मानते हुए इसमें जरूरी बदलावों की मांग करता रहा है
नई दिल्ली। भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 30 नवंबर से शुरू हो रही मंत्री-स्तरीय बैठक में खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे पर एक स्थायी समाधान तलाशने के लिए प्रयास करेगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि इस बैठक से सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग एवं घरेलू समर्थन पर कुछ सामने आने की उम्मीद है। कृषि क्षेत्र को लेकर जारी वार्ताओं में सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग का मुद्दा काफी अहम माना जा रहा है।
डब्ल्यूटीओ की शीर्ष नीति-निर्धारक संस्था माने जाने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक इस बार 30 नवंबर से शुरू होकर तीन दिसंबर तक चलेगी। इसमें डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अधिकारी ने कहा, "12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक करीब आने से कृषि क्षेत्र में जारी वार्ताओं को तेज करने के लिए कई प्रस्ताव रखे जा रहे हैं। जी-33 समूह के साथ भारत सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश में लगा रहा है।" उन्होंने भारत के लिए सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग को जरूरी बताते हुए कहा कि भारत लंबे समय से इसी मांग करता रहा है और आगे भी अपनी आवाज उठाएगा। उन्होंने कहा कि यह मसला दुनिया भर में करीब 80 करोड़ भूखे लोगों के निर्वाह से जुड़ा हुआ है।
दरअसल डब्ल्यूटीओ मानकों के तहत किसी सदस्य देश का खाद्य सब्सिडी बिल उत्पाद मूल्य की 10 फीसदी सीमा से ज्यादा नहीं होना चाहिए। भारत इस प्रावधान को अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की राह में बाधा मानते हुए इसमें जरूरी बदलावों की मांग करता रहा है। अंतरिम व्यवस्था के तहत 2013 में संपन्न बाली मंत्रिस्तरीय बैठक ने अस्थायी छूट दी थी और भविष्य में इसका स्थायी समाधान निकालने की बात कही थी।