बीजिंग। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत का बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है और इस बारे में जल्द ही निर्णय किया जाएगा कि किन परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिए एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) के पास भेजा जाएगा। AIIB निदेशक मंडल की यहां होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले जेटली ने यह बात कही।
बीजिंग स्थित AIIB का गठन 100 अरब डॉलर की अधिकृत पूंजी के साथ आधिकारिक रूप से पिछले साल हुआ। भारत तथा 56 अन्य देश इसके संस्थापक सदस्य हैं। चीन 26.06 फीसद हिस्सेदारी के साथ इसमें सबसे बड़ा शेयरधारक है। वहीं भारत 7.5 फीसद हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। उसके बाद क्रमश: रूस (5.93 फीसद) तथा जर्मनी (4.5 फीसद) की हिस्सेदारी है।
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बैंक ने कल ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और ताजिकिस्तान में परियोजनाओं के लिए कुल 50.90 करोड़ डॉलर के चार ऋण के पहले सेट को मंजूरी दी है। बैठक से पहले चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी के साथ बातचीत में जेटली ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम चला रहा है और यह निर्णय किया जाएगा कि किन परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिए एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) के पास भेजा जाना चाहिए।
चीन की पांच दिन की यात्रा पर आए वित्त मंत्री ने कहा, भारत में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा कार्यक्रम चल रहा है, इसमें रेलवे, हवाईअड्डा, समुद्री बंदरगाह, जल आपूर्ति, जल निकासी, स्मार्ट सिटी, शहरीकरण शामिल हैं। उन्होंने कहा, ये समानान्तर संस्थान हैं जो विकास वित्त की जरूरत के कारण विकसित हो रहा है।
बीजिंग स्थित AIIB के प्रमुख चीन के पूर्व सहायक वित्त मंत्री जिन लिक्यून हैं। वहीं भारत के डी जे पांडियान उपाध्यक्ष तथा मुख्य निवेश अधिकारी हैं। जिन ने कहा कि बैंक ने कल चार कर्ज को मंजूरी दी और साल दूसरी छमाही में और परियोजनाएं लाने की उम्मीद कर रहे हैं तथा 2017 के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने 2016 की व्यापार योजना तथा बजट के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
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