नई दिल्ली। सरकार की अगले 10 से 15 सालों में देश के भीतर 100 हवाईअड्डों का निर्माण करने की योजना है। नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को कहा कि इस पर करीब 60 अरब डॉलर (करीब 4.2 लाख करोड़ रुपए) की लागत आएगी। देश का विमानन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 50 महीनों में इसमें लगातार दोहरे अंक की यातायात वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रभु ने कहा कि 100 नए हवाईअड्डे अगले 10 से 15 सालों में विकसित किए जाएंगे। इस पर करीब 60 अरब डॉलर की लागत आएगी। इनका विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हवाई मार्ग से माल ढोने की नीति बनाने पर भी काम कर रही है।
विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएटीए के अनुसार अगले दस साल में भारत का विमानन उद्योग जर्मनी, जापान, स्पेन और ब्रिटेन के विमानन उद्योग को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हवाई यात्रा बाजार होगा।
घरेलू विमानन कंपनियों को 1.90 अरब डॉलर घाटा होने का अनुमान
घरेलू विमानन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान लागत बढ़ने और आय कम होने के कारण 1.65 से 1.90 अरब डॉलर के बीच घाटा होने का अनुमान है। इससे पहले 43 से 46 करोड़ डॉलर घाटा होने का पूर्वानुमान था।
सिडनी स्थित सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (कापा) की भारतीय इकाई ने मिड-ईयर एविएशन आउटलुक 2019 में कहा कि इन कंपनियों को जून तिमाही के पूर्वानुमान के हिसाब से निकट भविष्य की अवधि के आधार पर तीन अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटाने की जरूरत होगी। इसमें से पूर्ण सेवाएं देने वाली कंपनियों को 2.6 अरब डॉलर जबकि किफायती सेवाएं देने वाली कंपनियों को 40 करोड़ डॉलर की जरूरत होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई यात्रियों की संख्या लगातार निर्बाध तरीके से बढ़ने के बाद भी विमानन कंपनियों की वित्तीय स्थिति जनवरी से लगातार खराब हुई है।