नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा समय में भले ही कुछ धीमापन हो लेकिन आने वाले दिनों में भारत चीन को पछाड़ एशिया का ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है, यह कहना है अमेरिका की एडवायजरी, रिसर्च और कंसल्टिंग कंपनी डेलोआइट एलएलपी (Deloitte LLP) का। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में Deloitte LLP ने कहा कि भारत की युवा जनसंख्या इसे एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी।
Deloitte LLP के मुताबिक मौजूदा समय में एशिया में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या 36.5 करोड़ के करीब है जो 2027 तक बढ़कर 50 करोड़ के पार जाने का अनुमान है, यह दुनियाभर में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र वाले लोगों का करीब 60 फीसदी होगा।
Deloitte LLP के मुताबिक भारत में अगले 20 साल के दौरान युवा वर्क फोर्स के 88.5 करोड़ से बढ़कर 108 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है और अगले 50 सालों तक भारत इसी स्तर पर बना रहेगा। Deloitte LLP के अर्थशास्त्री अनीष चक्रवर्ती के मुताबिक आने वाले दशकों में एशिया में कुल वर्क फोर्स का आधे से ज्यादा हिस्सा भारतीय होगा और यह ऐसी वर्क फोर्स होगी जो मौजूदा वर्कफोर्स के मुकाबले ज्यादा प्रशिक्षित और ज्यादा पढ़ी लिखी होगी। आने वाले दिनों में भारतीय वर्क फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी ऐसे में भारत में करोबार के बढ़ने की ज्यादा संभावना है।
Deloitte LLP ने यह भी चेताया कि भारत में अगर भारत की बढ़ती आबादी के लिए अगर रोजगार मुहैया नहीं हुआ और सही ढांचा खड़ा नहीं किया गया तो यह आबादी बोझ भी हो सकती है जिसके सामाजिक परिणाम खराब होंगे। Deloitte LLP ने उन देशों के नाम बताए हैं जहां जनसंख्या की बढ़ती उम्र की वजह से आर्थिक धीमापन आने की आशंका है। इनमें चीन, हांगकांग, ताइवान, कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड, और न्यूजीलैंड शामिल हैं।