नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि भारत के अगले 8-9 साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाने की उम्मीद है जिसमें विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी। प्रभु ने इंटरनेट कंपनियों के संगठन आईएएमएआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत अगले 8-9 साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी और 1,000 अरब डॉलर विनिर्माण क्षेत्र से आएगा। हम विस्तृत योजना तैयार कर रहे हैं कि विनिर्माण क्षेत्र में क्या होगा।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ रूपरेखा तैयार कर रहे हैं और उन सभी क्षेत्रों को शामिल कर रहे हैं जहां विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि अगर विनिर्माण क्षेत्र डिजिटल रूप लेता है तो प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिये काफी अवसर सृजित होंगे।
प्रभु ने कहा कि कुल 5,000 अरब डॉलर में 60 प्रतिशत सेवा क्षेत्र से आएगा। इसमें विभिन्न सेवाएं शामिल हैं जिसपर अभी विचार भी नहीं किया जाता। जैसे घरों के देखभाल से जुड़ी सेवाएं। इसमें काफी गुंजाइश है।
प्रभु ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के रूप में वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिये रणनीति पर काम कर रहे हैं जो अर्थव्यवस्था में 2,000 अरब डॉलर का योगदान करेगा। यह योगदान विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों से होगा। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के लिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार महत्वपूर्ण है।