नई दिल्ली। स्विटजरलैंड टैक्स मामलों में भारत के साथ सहयोग के लिए काफी नजदीकी से काम कर रहा है और उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच ऑटोमेटिक इनफॉर्मेशन एक्सचेंज सिस्टम जल्द ही स्थापित हो जाएगी। ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिए दोनों देशों एकजुट हो कर काम करेंगे। इसके तहत भारतीयों के विदेशों में रखे कालेधन से जुड़े टैक्स मामलों में आपसी सहयोग बढ़ाने में तेजी दिखाई है।
कालाधन रखने वालों को पकड़ने में मदद करेगा स्विटजरलैंड
भारत में स्विस राजदूत लिनुस वॉन कास्लमुर ने कहा कि भारत और स्विटजरलैंड के बीच कर सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की व्यवस्था शीघ्र ही लागू होने की संभावना है। उन्होंने कहा, (टैक्स मामलों पर सूचनाओं के आदान प्रदान पर) स्विटजरलैंड व भारत बहुत करीबी से काम कर रहे हैं। हमें भारतीय अधिकारियों से सूचनाओं उपलब्ध कराने का आग्रह मिला है। स्विटजरलैंड ने हाल ही में एक दर्जन से भी अधिक उन भारतीयों के नामों का खुलासा किया जिनके बारे में भारत सरकार ने सूचना मांगी थी। ऐसा संदेह था कि इन भारतीयों के स्विस बैंक खातों का इस्तेमाल वहां अवैध धन जमा कराने के लिए किया जा रहा है।
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जल्द शुरू होगा ऑटोमेटिक इनफॉर्मेशन एक्सचेंज सिस्टम
लिनुस वॉन कास्लमुर ने कहा कि एक द्विपक्षीय व्यवस्था होनी चाहिए जहां सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के साथ आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता जताई जाए। उन्होंने कहा कि, पहले जमाना दूसरा था और अब हम सहयोग के जरिए उससे निकल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सहयोग बढ़ने से मामलों की संख्या उत्तरोत्तर और कम होती जाएगी। जनवरी में वित्त मंत्री अरुण जेटली स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री उली माउरर से दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के समय मिले थे। माउरर ने उस समय कहा था कि कालेधन के संदिग्ध मामलों पर सूचनाओं के आदान प्रदान के मामले में सहयोग अच्छे स्तर पर चलता रहेगा।