नई दिल्ली। देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2019-20 (अक्तूबर-सितंबर) के पहले 2 महीने यानि अक्तूबर और नवंबर के दौरान देश में कुल 18.85 लाख टन चीनी उत्पादन दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 40.69 लाख टन चीनी का उत्पादन हो गया था।
पिछले साल के मुकाबले इस साल कम चीनी मिलों में अभी तक गन्ने की पेराई का काम चालू हुआ है जिस वजह से चीनी उत्पादन पीछे चल रहा है। इस्मा के मुताबिक अक्तूबर और नवंबर के दौरान सिर्फ 279 मिलों में ही काम शुरू हुआ है जबकि पिछले साल इस दौरान 418 चीनी मिलों में पेराई शुरू हो गई थी।
हालांकि इस साल चीनी मिलों के ऊपर किसानों से खरीदे गए गन्ने का बकाया पिछले साल के मुकाबले कम है। इस्मा के मुताबिक 30 नवंबर तक देशभर की चीनी मिलों पर किसानों का कुल बकाया 5000 करोड़ रुपए के करीब है जबकि पिछले साल इस दौरान मिलों पर किसानों का 8000 करोड़ रुपए का बकाया था।
देश में चीनी उत्पादन इस साल कुछ कम अनुमानित है लेकिन इसका असर चीनी के भाव पर पड़ने की आशंका कम है क्योंकि पिछले साल का भारी स्टॉक बचा हुआ है और चीनी उद्योग उस स्टॉक को निर्यात भी कर रहा है। इस्मा के मुताबिक इस साल अबतक लगभग 15 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं।