नई दिल्ली। देश में इस साल चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई का काम पिछले साल के मुकाबले पहले शुरू कर दिया है जिस वजह से चीनी का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 79 फीसदी आगे चल रहा है। चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक पहली अक्टूबर से शुरू हुए मौजूदा चीनी वर्ष 2017-18 में 15 नवंबर तक चीनी उत्पादन 13.73 लाख टन दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 7.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
ISMA के मुताबिक इस साल 15 नवंबर तक 313 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम शुरू हो चुका है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 222 मिलों में ही काम शुरू हो पाया था। अभी तक जो उत्पादन हो रहा है वह ज्यादातर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हुआ है। 15 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में 78 मिलों में उत्पादन शुरू हुआ है और कुल 5.67 लाख टन चीनी पैदा हुई है, पिछल साल इस दौरान उत्तर प्रदेश में 55 मिलों में उत्पादन शुरू हो पाया था और 1.93 लाख टन चीनी पैदा हो सकी थी। इसी तरह महाराष्ट्र में भी इस साल 15 नवंबर तक 137 मिलों में काम शुरू हो चुका है और 3.26 लाख टन चनी पैदा हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान वहां 95 मिलों मे काम शुरू हुआ था और 1.92 लाख टन चीनी पैदा हो पायी थी।
ISMA के आंकड़ों के मुताबिक इस साल चीनी की मांग में कुछ कमी देखने को मिली है, सितंबर और अक्टूबर के दौरान चीनी मिलों से करीब 41 लाख टन चीनी का उठाव हुआ है जबकि पिछले साल इन दो महीने के दौरान 42 लाख टन चीनी का उठाव हुआ था। कम उठाव की वजह से चीनी की कीमतों में गिरावट भी आई है, ISMA के मुताबिक देश के कुछ भागों में चीनी का एक्स मिल प्राइस 100-200 रुपए घटकर 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है।
चीनी की कमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर तक चीनी मिलों पर स्टॉक लिमिट लगाई हुई है, हाल के दिनों मे चीनी के बढ़े हुए उत्पादन और कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए ISMA ने सरकार से आग्रह किया है कि स्टॉक लिमिट को हटा लिया जाए।