वॉशिंगटन। निजी उपभोग बढ़ने और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2016-17 में 7.5 फीसदी तक रहेगी। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अपने ताजा अनुमान में कही है। आईएमएफ ने कहा है कि इस तरह भारत की वृद्धि दर चीन की जीडीपी की वृद्धि दर से एक फीसदी अधिक रहेगी।
आईएमएफ ने अपनी ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में अपने अक्टूबर के अनुमान को कायम रखा है। इसमें कहा गया है कि धारणा में सुधार और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी, निजी निवेश में सुधार से वृद्धि को और प्रोत्साहन मिलेगा। भारत की वृद्धि दर 2016-17 में 7.5 फीसदी रहेगी। यह अक्टूबर के अनुमान के समान ही है। वृद्धि को निजी उपभोग से प्रोत्साहन मिलेगा, जिसे ऊर्जा की निचली कीमतों तथा ऊंची वास्तविक आय से फायदा मिला है।
रिपोर्ट कहती है कि भारत में मौद्रिक परिस्थितियां 2017 की पहली छमाही में 5 फीसदी का मुद्रास्फीति का लक्ष्य पाने के अनुरूप हैं। हालांकि, मानसून अनुकूल न रहने व सार्वजनिक क्षेत्र की वेतनवृद्धि से मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का भी जोखिम है। वैश्विक वृद्धि के बारे में आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में यह 3.2 फीसदी तथा 2017 में 3.5 फीसदी रहेगी। आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में वैश्विक वृद्धि के अनुमान को घटाया है। आईएमएफ ने जनवरी में इस साल वैश्विक वृद्धि दर 3.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। वहीं 2017 में वैश्विक वृद्धि दर 3.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।