नई दिल्ली। कोविड 19 के हालात से निपटने का प्रयास करते हुए भारत ने चावल, मांस, डेयरी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों का निर्यात पुन: शुरू कर दिया है। सरकार के कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के बीच परिवहन और पैकेजिंग के मसलों के समाधान के बाद निर्यात शुरू करने की घोषणा की है।
कृषि मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि कृषि निर्यात संवर्धन निकाय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानि एपीडा निर्यातकों की समस्या का समाधान कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि चावल, मूंगफली, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मांस, पौल्ट्री, डेयरी और जैविक उत्पाद जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों का निर्यात शुरू हो गया है। बयान के अनुसार एपीडा ने इस संदर्भ में काफी काम किया है और परिवहन, कर्फ्यू पास और पैकेजिंग इकाइयों से जुड़े मसलों का समाधान किया जा रहा है।
मंत्रालय के अनुसार सरकार ने इस मामले में लचीला रुख अपनाया है और निर्यात के लिये उत्पादों की गुणवत्ता और कीटनाशकों से मुक्त होने को लेकर जारी होने वाला प्रमाणपत्र की डिजिटल प्रति जारी कर रही है। सरकार ने अबतक निर्यात के लिये 9,759 गुणवत्ता प्रमाणपत्र जारी किया है। देशों की विशिष्ट मांग के आधार पर कृषि सहकारी विपणन संगठन नाफेड ने 50 हजार टन गेहूं अफगानिस्तान को निर्यात किया है जबकि 40 हजार टन अनाज लेबनान को निर्यात किया है। ये निर्यात जी2जी व्यवस्था के तहत किये गये। जहां तक आयात का सवाल है, सरकार ने कहा कि गुणवत्ता प्रमाणपत्र की डिजिटल प्रति स्वीकार की जा रही है। इसमें आयातक से एक हलफनामा लेकर इसे स्वीकार किया जा रहा है। इसमे कहा जाता है कि मूल प्रति प्राप्त होने पर उसे जमा किया जाएगा। अबतक करीब 2,728 खेप आयात के लिये जारी किये गये। इसके अलावा कीटनाशकों के आयात के 33 आयात परमिट, कीटनाशकों के निर्यात के लिये 309 प्रमाणपत्र और कीटनाशाकों के स्वदेशी स्तर पर विनिर्माण को सुगम करने के लिये 1,324 प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं।