ल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। मंगलवार को आईएमडी द्वारा जारी पहले पूर्वानुमान के मुताबिक जून से सितंबर तक चलने वाले दक्षिण पश्चिम मानसून में बारिश दीर्घकालिक औसत (एलआरएफ) के 106 फीसदी के बराबर रहने की संभावना है। यानी इस साल देश में सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। आईएमडी के मुताबिक इस साल मानसून अपने समय एक जून को दस्तक दे सकता है। लगातार बीते दो वर्षों के दौरान सामान्य के मुकाबले कम बारिश दर्ज की गई। दीर्घकालिक औसत से पांच फीसदी कम या ज्यादा बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है।
भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख एलएस राठौड़ ने कहा कि इस साल मानसून सामान्य से अधिक रहेगा। उन्होंने कहा कि देश भर में मानसून का वितरण समान रहेगा, उत्तर पूर्व, दक्षिण पूर्व क्षेत्रों में संभवत: थोड़ी कम बारिश हो सकती है। सूखा प्रभावित मराठवाड़ा में अच्छी बारिश होने की संभावना भी उन्होंने जताई है। वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मानसून के सामान्य से बेहतर रहने के कारण फसल वर्ष 2016-17 में कृषि उत्पादन अच्छा रहने की उम्मीद है।
एक जून को केरल तटों पर मानसून देगा दस्तक
आईएमडी ने कहा कि इस साल मानसून पर अलनीनो का प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूर्वानुमान के मुातिबक अलनीनो का प्रभाव जून-जुलाई तक पूरी तरह खत्म हो जाएगा। विदेशी एजेंसियो ने भी इस साल अलनीनो का प्रभाव कम होने का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने कहा कि इस साल मानसून अपने उचित समय एक जून को केरल के तटों से टकराएगा।
स्काईमेट ने लगाया 105 फीसदी मानसून का अनुमान
स्काईमेट ने भी सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। चार महीने के मानसून में स्काईमेट ने 105 फीसदी बारिश का अनुमान लगाया है। एजेंसी के मुताबिक 85 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य या सामान्य से ज्यादा होगी। सिर्फ 5 फीसदी सूखे की आशंका है। जून से सितंबर तक 887 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। स्काईमेट के मुताबिक बारिश के सीजन में मॉनसून अच्छा रहेगा इसके 20 फीसदी आसार हैं। सामान्य से ज्यादा रहेगा इसके 35 फीसदी आसार हैं और 30 फीसदी आसार हैं कि मॉनसून सामान्य रहेगा।
कैसे मौसम विभाग करता है भविष्वाणी
आम तौर पर मौसम विभाग दो चरणों में मानसून का पूर्वानुमान लगाता है। पहला अनुमान अप्रैल में और दूसरा अनुमान जून में जारी होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) पहला अनुमान पांच इंडिकेटर्स को देखते हुए जारी करता है। इसमें उत्तरी अटलांटिक सागर में समुद्र की सतह का तापमान, इक्वेटोरियल दक्षिण हिंद महासागर, पूर्व एशिया में समुद्र स्तर में दबाव, उत्तर पश्चिमी यूरोप में भूमि की सतह पर हवा का तापमान और इक्वेटोरियल प्रशांत क्षेत्र में गर्म पानी की मात्रा शामिल है। वहीं दूसरा अनुमान जून में 6 इंडिकेटर्स को देखते हुए जारी किया जाता है।
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