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प्रदूषण से मरने वालों में 50 फीसदी लोग भारत और चीन के
एचईए और चीन के एक ग्रुप के साथ मिलकर कुछ भारतीय यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च की है। इसमें उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 50 फीसदी सिर्फ चीन और भारत में होती हैं। लेकिन कोयले की खानों से निकलने वाले धुंए को रोकने के लिए भारत की काफी कमजोर हैं। प्रदूषण को रोकने के लिए चीन भारत से बेहतर प्रयास कर रहा है। साल 2020 चीन अपने कोयला उत्पादन में 50 करोड़ टन की कटौती करेगा। इसके साथ ही एमिशन को कम करने के लिए वह मुख्य प्रदूषण तत्वों में 60 फीसदी की कमी लाएगा। दूसरी ओर भारत ने इस दिशा में सिर्फ एक एमिशन स्टैंडर्ड को कोल पावर प्लांट के लिए इस साल लॉन्च किया है।
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घर-घर बिजली पहुंचाने के वादे भी खड़ी कर रहे हैं मुश्किलें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के आम चुनाव के दौरान 133 करोड़ लोगों से वादा किया था कि वह जल्द ही घर-घर बिजली पहुंचाएंगे। इसकी वजह से देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी, जो कि एमिशन के स्तर को बढ़ा देगी। एचईआई के अध्यक्ष डैन ग्रीन्बॉम ने कहा कि कोल पावर प्लांट्स से होने वाले प्रदूषण को रोकने के मामले में चीन भारत के मुकाबले कड़े कदम उठा रहा है। वहीं भारत सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी और पड़ लगाने की बात कर रही है। इस हफ्ते जारी हुई यह रिपोर्ट बताती है कि साल 2013 में 135 अरब वाले देश चीन में 3.66 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के कारण हुई है।