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भारत का अनुमान, 60 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे आएगा कच्चा तेल

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश भारत का मानना है कि कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे आएंगे।

Abhishek Shrivastava
Published : December 15, 2016 18:45 IST
60 डॉलर प्रति बैरल का स्‍तर छूने के बाद नीचे आएगा कच्‍चा तेल, भारत ने जताया अपना अनुमान
60 डॉलर प्रति बैरल का स्‍तर छूने के बाद नीचे आएगा कच्‍चा तेल, भारत ने जताया अपना अनुमान

नई दिल्‍ली। क्रूड ऑयल के दाम एक साल में दोगुना से अधिक हो गए हैं, जो उभरते बाजारों के लिए खतरा है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश भारत का मानना है कि कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे आएंगे।

ओपेक तथा गैर ओपेक सदस्‍यों के बीच 2008 के बाद पहली बार उत्पादन में कटौती के समझौते के बाद पिछले दो सप्ताह में कच्चे तेल के दाम 15 प्रतिशत चढ़ गए हैं।

ब्रेंट क्रूड ऑयल जनवरी में 27.88 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया था। अब यह 55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।

  • कच्चे तेल की कीमतों में इस बढ़ोतरी से भारत जैसे देशों का गणित बिगड़ सकता है, जो अपनी कच्चे तेल की 80 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करते हैं।
  • इससे महंगाई बढ़ने का भी अंदेशा है।
  • सरकार के एक शीर्ष अधिकारी का मानना है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।
  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद कच्चा तेल 17 साल के उच्च स्तर से नीचे आ गया है।
  • अधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे आएगा।
  • कच्चे तेल के दामों में एक डॉलर की वृद्धि पर भारत को हर साल 9,126 करोड़ रुपए या 1.36 अरब डॉलर अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे।
  • वित्त वर्ष 2015-16 में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 63.96 अरब डॉलर खर्च किए।
  • इससे पिछले वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर 112.7 अरब डॉलर और 2013-14 में 143 अरब डॉलर खर्च किए गए थे।

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