नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा है कि मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान पिछले साल की वृद्धि दर से काफी अधिक है। वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि कृषि और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार आने की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में बेहतर रहेगी। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2015-16 में 8.2 प्रतिशत रही थी।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आर्थिक वृद्धि के पहले अग्रिम अनुमान को जारी करते हुए सीएसओ ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुकान है, जो कि 2017-18 में 6.7 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी। बयान में कहा गया है कि वास्तविक जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के दौरान 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 6.5 प्रतिशत थी।
सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्श में 3.4 प्रतिशत थी। इसी प्रकार विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत थी।
अधिकांश अर्थशास्त्री पहले ही भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7 प्रतिशत के आसपास कर चुके हैं। इनकी तुलना में भारतीय रिजर्व बैंक ने जीडीपी वृद्धि दर के लिए 7.4 प्रतिशत का अनुमान जताया है। अर्थशास्त्रितयों का कहना है कि कमजोर उपभोग और ऋण मांग में मंदी की वजह से वृद्धि दर पर असर पड़ेगा।