नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) का मानना है कि भारत अब नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर ( GST) की वजह से पैदा हुई‘ अड़चनों’ से बाहर आ रहा है। इसके साथ ही IMF ने कहा कि भारत को अब शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधारों पर ध्यान देना चाहिए तथा बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली की दक्षता को सुधारना चाहिए। IMF के उप- प्रबंध निदेशक ताओ झांग ने एक साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हाल के बरसों में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह वृहद आर्थिक नीतियां तथा स्थिरता पर जोर तथा आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को दूर करने का प्रयास है। नोटबंदी और GST को लागू करने से वृद्धि दर प्रभावित हुई है। झांग ने कहा कि ताजा तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है जिससे भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर लिया है। उन्होंने इस घटनाक्रम को एक स्वागत योग्य बदलाव बताया।
अपनी भारत यात्रा से पहले IMF के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत यदि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाता है, सार्वजनिक निजी निवेश को प्रोत्साहन देता है, बैंकिंग तथा वित्तीय प्रणाली को सुधारता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढ़ेगी। इससे टिकाऊ और समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और भारत अमीर देशों की तरह का आमदनी का स्तर हासिल कर सकेगा।
झांग 12 से 20 मार्च तक भारत व भूटान की यात्रा पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का इस्तेमाल होता है, तो नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियों पर अस्थायी रूप से असर पड़ना ही था। उन्होंने कहा कि पिछले साल GST का क्रियान्वयन एक महत्वपूर्ण कदम था जिससे देश में वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही की दक्षता बढ़ेगाी और एक साझा राष्ट्रीय बाजार बनेगा। कर संग्रह में तेजी आएगी और GDP की वृद्धि दर बढ़ेगी, रोजगार सृजन हो सकेगा।