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चालू वित्‍त वर्ष की दूसरी तिमाही में और बढ़ा देश का घाटा, 19.1 अरब डॉलर पर पहुंचा चालू खाता घाटा

वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़कर 19.1 अरब डॉलर हो गया, जो कि इसकी पिछली तिमाही में 15.9 अरब डॉलर था

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 07, 2018 23:23 IST
current account deficite- India TV Paisa
Photo:CURRENT ACCOUNT DEFICITE

current account deficite

मुंबई। कच्‍चे तेल की ऊंची कीमतों और सोने के आयात की वजह से वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़कर 19.1 अरब डॉलर हो गया, जो कि इसकी पिछली तिमाही में 15.9 अरब डॉलर था और वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में 6.9 अरब डॉलर था। उल्‍लेखनीय है कि भारत अपनी कुल तेल जरूरत को पूरा करने के लिए लगभग 80 प्रतिशत कच्‍चे तेल का आयात करता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की दूसरी तिमाही के भुगतान संतुलन को लेकर अपने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में भारत का सीएडी 19.1 अरब डॉलर (सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी का 2.9 फीसदी) रहा, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6.9 अरब डॉलर था और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15.9 अरब डॉलर (जीडीपी का 2.4 फीसदी) था।

आरबीआई ने कहा कि साल-दर-साल आधार पर सीएडी में बढ़ोतरी का मुख्य कारण व्यापार घाटे का बढ़ना है, जोकि समीक्षाधीन तिमाही में 50 अरब डॉलर रही, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 32.5 अरब डॉलर था।

आरबीआई के मुताबिक, सॉफ्टवेयर और वित्तीय सेवाओं के कारोबार में वृद्धि के कारण सेवाओं से आय में साल-दर-साल आधार पर 10.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। आरबीआई ने कहा कि निजी हस्तांतरण से होनेवाली आय एक साल पहले की तुलना में 19.8 प्रतिशत बढ़कर 20.9 अरब डॉलर रही, जो मुख्यत: विदेशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा अपने घर भेजने से होती है।

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