मुंबई। देश में सोने की मांग जनवरी-मार्च की पहली तिमाही में पांच प्रतिशत बढ़कर 159 टन पर पहुंच गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की पहली तिमाही में सोने की मांग का रुख रिपोर्ट में कहा गया है कि शादी-विवाह के मौसम में कीमतों में गिरावट की वजह से आभूषणों की मांग बढ़ने से सोने की मांग बढ़ी है। वर्ष, 2018 की पहली तिमाही में सोने की मांग 151.5 टन थी।
मूल्य के हिसाब से तिमाही के दौरान सोने की मांग 13 प्रतिशत बढ़कर 47,010 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वर्ष की समान तिमाही में 41,680 करोड़ रुपए थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपए की मजबूती तथा स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में गिरावट की वजह से पहली तिमाही में सोने की मांग बढ़कर 159 टन पर पहुंच गई। इस दौरान भारतीय आभूषणों की मांग पांच प्रतिशत बढ़कर 125.4 टन रही, जिससे वैश्विक मांग बढ़ी और खुदरा धारणा मजबूत हुई।
डब्ल्यूजीसी के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि तिमाही के दौरान शादी विवाह के दिनों की संख्या आठ दिन से बढ़कर 21 दिन रही। इससे भी मांग बढ़ी। साथ ही मार्च के पहले हफ्ते में सोने की कीमत घटकर 32,000 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गई।
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़कर 1,053.3 टन रही
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 2019 की पहली तिमाही के दौरान सात प्रतिशत बढ़कर 1,053.3 टन पर पहुंच गई। केंद्रीय बैंकों की स्वर्ण खरीद बढ़ने और सोना आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की वृद्धि की वजह से सोने की मांग बढ़ी है। वर्ष, 2018 की पहली तिमाही में सोने की वैश्विक मांग 984.2 टन रही थी।
जनवरी-मार्च के दौरान केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद 68 प्रतिशत बढ़कर 145.5 टन रही। इससे पिछले साल की समान तिमाही में केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद 86.7 टन रही थी। डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद की अगुवाई रूस के केंद्रीय बैंक ने की। रूस के केंद्रीय बैंक ने तिमाही के दौरान 55.3 टन सोना खरीदा। चीन ने भी 33 टन सोने की खरीद की। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस दौरान 8.4 टन सोना खरीदा।
सोमसुंदरम ने कहा कि विविधीकरण और सुरक्षित, तरल संपत्ति की इच्छा की वजह से सोने की मांग बढ़ी है। तिमाही के दौरान निवेश के लिए सोने की मांग तीन प्रतिशत बढ़कर 298.1 टन रही, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 288.4 टन रही थी।