नई दिल्ली। आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है तथा इसकी रिकवरी प्रगति पर है, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही कमजोर रहेगी तथा दूसरी छमाही मजबूत रहेगी।
एचडीएफसी लि. की 44वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए पारेख ने कहा, ‘‘मैं इस बात लेकर आशान्वित हूं कि भारत की वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत है। हालात में सुधार हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। पूंजी बाजार में भी मजबूती का रुख है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी अच्छी रहने की उम्मीद है कि खाद्यान्न उत्पादन 30.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पारेख ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नरम मौद्रिक रुख के जरिये वृद्धि को समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है और साथ ही सरकार ने भी कोविड-19 से संबंधित दबाव को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कुल ऋण की वृद्धि समस्या है। यह अभी कमजोर है। उन्होंने कहा कि दुनिया संक्रमण की बार-बार की लहर की दृष्टि से ‘संवेदनशील’ है। ऐसे में आर्थिक रिकवरी में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आवास ऋण के लिए अंतनिर्हित मांग मजबूत बनी हुई है।
कमर्शियल रियल एस्टेट की बात की जाए, तो ज्यादातर कंपनियों ने अपने कार्यालय परिसरों को छोड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट की मांग भंडारण और फुलफिलमेंट केंद्रों से आ रही है। इसकी वजह ई-कॉमर्स क्षेत्र में ‘बूम’ है। पारेख ने कहा कि इसके अलावा डिजिटल बुनियादी ढांचे की वजह से डाटा केंद्रों के लिए मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन की वजह से व्यक्तिगत ऋणों की मांग प्रभावित हुई थी, लेकिन एक बार अंकुश हटने के बाद मांग उम्मीद से कहीं अधिक रही है। पारेख ने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि आवास क्षेत्र के लिए ऋण की मांग मजबूत बनी रहेगी।’’
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