नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन तथा कैपिटल गुड्स और टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उठाव बढ़ने से जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर बढ़कर 6.6 प्रतिशत पर पहुंच गई। एक साल पहले समान महीने में यह सिर्फ एक प्रतिशत रही थी। जून की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को संशोधित कर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही। एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पाद 0.1 प्रतिशत घटा था।
जुलाई में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 14.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 2.4 प्रतिशत घटा था। इसी तरह पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में तीन प्रतिशत बढ़ा। जुलाई, 2017 में यह 1.1 प्रतिशत घटा था।
अप्रैल-जुलाई की अवधि में औद्योगिक उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.7 प्रतिशत रही थी।
उद्योगों की बात की जाए, तो विनिर्माण क्षेत्र के 23 समूहों में से 22 में जुलाई में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। उद्योग समूह ‘फर्नीचर विनिर्माण’ की वृद्धि दर सबसे ऊंची 42.7 प्रतिशत रही। इसके बाद कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आप्टिकल उत्पादों के विनिर्माण की वृद्धि दर 30.8 प्रतिशत तथा तंबाकू उत्पादों के विनिर्माण की वृद्धि दर 28.4 प्रतिशत दर्ज की गई।