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भारत की इंटरनेट स्टार्ट-अप कंपनियां सूचीबद्धता के करीब: रिपोर्ट

भारत की इंटरनेट क्षेत्र की कई स्टार्ट-अप कंपनियां अब सूचीबद्धता के बिल्कुल ‘मुहाने’ पर हैं। इनमें फूड-डिलिवरी से लेकर ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बीमा स्टार्ट-अप शामिल हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 06, 2021 20:34 IST
भारत की इंटरनेट स्टार्ट-अप कंपनियां सूचीबद्धता के करीब: रिपोर्ट- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

भारत की इंटरनेट स्टार्ट-अप कंपनियां सूचीबद्धता के करीब: रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत की इंटरनेट क्षेत्र की कई स्टार्ट-अप कंपनियां अब सूचीबद्धता के बिल्कुल ‘मुहाने’ पर हैं। इनमें फूड-डिलिवरी से लेकर ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बीमा स्टार्ट-अप शामिल हैं। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की ‘भारत के इंटरनेट’ पर रिपोर्ट में कहा गया है कि इन स्टार्ट-अप कंपनियों का सामूहिक मूल्यांकन 2025 तक 180 अरब डॉलर हो जाएगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय इंटरनेट अर्थव्यवस्था का स्तर और परिपक्वता बढ़ने से अधिक मूल्य मिल रहा है और निवेश के अवसर पैदा हो रहे हैं। पिछले पांच साल के दौरान भारत की इंटरनेट स्टार्ट-अप में 60 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। 2020 में ही अकेले इनमें 12 अरब डॉलर का निवेश आया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इससे 2025 तक इंटरनेट स्टार्ट-अप कंपनियों (फिनेटक) का बाजार मूल्यांकन 180 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि फूड-डिलिवरी से लेकर ई-कॉमर्स और ऑनलाइन बीमा क्षेत्र की कई स्टार्ट-अप कंपनियां अब सूचीबद्धता के करीब हैं। एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 42 स्टार्ट-अप एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन (यूनिकॉर्न) वाली हैं। वहीं 45 स्टार्ट-अप कंपनियां ऐसी हैं जिनमें जल्द यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने की क्षमता है। इन्हें सूनिकॉर्न कहा जाता है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे तेजी से ई-कॉमर्स स्टार्ट-अप कंपनियां आगे बढ़ रही हैं। इनका बाजार मूल्यांकन 2025 तक 67 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है, जो 2019 में 31 अरब डॉलर था। रिपोर्ट कहती है कि आज उद्योग के 80 प्रतिशत पर अमेजन और फ्लिपकार्ट का कब्जा है। लेकिन जल्द ही यह तस्वीर बदल सकती है। रिलायंस जियो एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 48 प्रतिशत खुदरा खर्च किराना पर होता है। चीन में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत और अमेरिका में 10 प्रतिशत है।

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