नई दिल्ली। बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया। यह लगातार तीसरा महीना है जबकि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के गुरुवार को जारी आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में सितंबर महीने में 4.3 प्रतिशत और अगस्त महीने में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं जुलाई में इसमें 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के रूप में मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में एक साल पहले इसी माह में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़े के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर के दौरान आईआईपी 0.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ लगभग स्थिर रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
विनिर्माण क्षेत्र में अक्टूबर महीने में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़े के अनुसार बिजली उत्पादन में अक्टूबर 2019 में तीव्र 12.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 10.
प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन उत्पादन भी आलोच्य महीने में 8 प्रतिशत गिरा, जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
निवेश का आईना माना जाने वाला पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन अक्टूबर में 21.9 प्रतिशत घटा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 16.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में आलोच्य महीने में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में 22.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बुनियादी ढांचा निर्माण वस्तुओं के उत्पादन में 9.2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
टिकाऊ उपभोक्ता और गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में क्रमश: 18 प्रतिशत औरा 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार उद्योगों के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े 23 औद्योगिक समूह में से 18 की वृद्धि दर में इस साल अक्टूबर महीने में पछले वर्ष के इसी माह के मुकाबले गिरावट आई है।
कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और आप्टिक उत्पादों के विनिर्माण से संबद्ध औद्योगिक समूह में सर्वाधिक 31.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर के उत्पादन में 27.9 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं दूसरी तरफ रसायन और उसके उत्पादों में सर्वाधिक 31.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उसके बाद मूल धातुओं का स्थान रहा जिसमें 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।