वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाए जाने वाला उच्च शुल्क अस्वीकार्य है और उसे वापस लिया जाना चाहिए। जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक से पहले उन्होंने यह बात कही।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार की सुबह ट्वीट किया कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात करना चाहता हूं कि भारत ने वर्षों से अमेरिका के खिलाफ ऊंचा शुल्क लगा रखा है और हाल के दिनों में उसे और बढ़ा दिया है। यह अस्वीकार्य है और शुल्क को निश्चित रूप से वापस लिया जाना चाहिए।
ट्रंप जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। आम चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद मोदी के साथ उनकी यह पहली बैठक होगी। ट्रंप और मोदी की यह बैठक ऐसे समय में काफी अहम मानी जा रही है, जब व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबद्धों में एक तरह की कड़वाहट देखने को मिल रही है। अमेरिका द्वारा भारत को तरजीही व्यवस्था से बाहर किए जाने के जवाब में हाल में भारत ने अमेरिका से आयातित 28 वस्तुओं पर शुल्क बढ़ा दिए थे।
अर्थव्यवस्था के लड़खड़ाने से चीन करना चाहता है सौदा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि प्रशुल्क कार्रवाई से चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है और अब उसे अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने की जरूरत महसूस हो रही है।
ट्रंप ने जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान रवाना होने से पहले फॉक्स बिजनेस न्यूज से एक साक्षात्कार में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है, इसी कारण वे सौदा करना चाहते हैं।
ओसाका में 28-29 जून को होने वाले इस सम्मेलन के दौरान ट्रंप चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात करने वाले हैं। ट्रंप ने माना कि कुछ कंपनियां अमेरिकी शुल्क से बचने के लिए चीन छोड़ रही हैं और वियतनाम का रुख कर रही हैं।
ट्रंप ने इस बारे में कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार के मोर्चे पर वियतनाम सर्वाधिक दुरुपयोग करने वाला देश है। उन्होंने कहा कि वियतनाम व्यापार के मोर्चे पर चीन से अधिक दुरुपयोग करता है।
कंपनियों के वियतनाम का रुख करने के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि यह मजेदार स्थिति है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बारे में हनोई से बातचीत कर रहा है।