वॉशिंगटन। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और कड़ी मौद्रिक नीति के चलते वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर के लिए अपने पहले के पूर्वानुमान को हल्का कम करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर भविष्य में काफी मजबूत रहेगी।
आईएमएफ ने सोमवार को 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने और 2019 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया, जो उसके अप्रैल में जताए गए अनुमान से क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत कम है। आईएमएफ के शोध विभाग के निदेशक और आर्थिक सलाहकार मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने संवाददाताओं से कहा कि भारत की वृद्धि भविष्य में तेज बनी रहेगी। यह अभी यह कम है, लेकिन यह मजबूती से आगे बढ़ रही है।
ऑब्स्टफेल्ड ने कहा कि भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम करने के कारकों में कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना और वैश्विक स्तर पर वित्तीय स्थितियों का कठिन होना प्रमुख है। तेल की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा क्योंकि भारत ईंधन के मामले में आयात पर अधिक निर्भर है। इसके अलावा वैश्विक वित्तीय परिस्थियां पहले से अधिक मुश्किल हुई हैं, जिससे अगले साल भी भारत की वृद्धि पर थोड़ा असर पड़ेगा।