नई दिल्ली। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 19.2 प्रतिशत बढ़कर 76.1 टन हो गई, जिसका मुख्य कारण कम आधार प्रभाव था। गौरतलब है कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट 2021 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग के रुझान के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में सोने की कुल मांग 63.8 टन थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि कीमत के लिहाज से भारत में सोने की मांग समीक्षाधीन अवधि में 23 प्रतिशत बढ़कर 32,810 करोड़ रुपये हो गई, जो 2020 की इसी अवधि में 26,600 करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पिछली तिमाही के मुकाबले मांग में 46 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी तरह मौजूदा साल की पहली छमाही में कुल मांग 157.6 टन थी, जो 2019 की पहली छमाही के मुकाबले 46 फीसदी थी।
डब्ल्यूजीसी के भारत में क्षेत्रीय सीईओ सोमसुंदरम पी आर ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के चलते 2021 की दूसरी तिमाही में क्षेत्रीय आधार पर लॉकडाउन लगाया गया, जबकि पिछले साल पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था। ये तिमाही इसलिए भी बेहतर है क्योंकि व्यवसाय अधिक तैयार थे। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में वैश्विक सोने की मांग में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाले एक प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 955.1 टन रही।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुल ज्वैलरी डिमांड 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 55.1 टन रही, जो पिछले साल समान अवधि में 44 टन थी। कीमत के लिहाज से ज्वैलरी डिमांड 29 प्रतिशत बढ़कर 23,750 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 18,350 करोड़ रुपये थी। दूसरी तिमाही में इनवेस्टमेंट डिमांड 6 प्रतिशत बढ़कर 21 टन हो गई, जो अप्रैल-जून 2020 में 19.8 टन थी।
अप्रैल-जून 2021 के दौरान भारत में कुल गोल्ड रिसाइकलिंग 19.7 टन की हुई, जो अप्रैल-जून 2020 में 13.8 टन थी। इसमें 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून तिमाही में भारत का स्वर्ण आयात बढ़कर 120.4 टन रहा, जो 2020 की दूसरी तिमाही में 10.9 टन था।
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