नई दिल्ली। देश की सोने की मांग बीते साल यानी 2020 में 35 प्रतिशत से अधिक घटकर 446.4 टन रह गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। डब्ल्यूजीसी की 2020 की सोने की मांग के रुख पर रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन और बहुमूल्य धातुओं के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने के बीच सोने की मांग में गिरावट आई। हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अब स्थिति सामान्य हो रही है और साथ ही सतत सुधारों से उद्योग मजबूत हुआ है। ऐसे में इस साल 2021 में सोने की मांग में सुधार की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में भारत की सोने की मांग 35.34 प्रतिशत घटकर 446.4 टन रह गई, जो 2019 में 690.4 टन थी। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार बीते साल मूल्य के हिसाब से सोने की मांग में 14 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 1.88 लाख करोड़ रुपये रह गई। 2019 में मूल्य के हिसाब से सोने की मांग 2.17 लाख करोड़ रुपये रही थी। इस बीच, 2020 में आभूषणों की कुल मांग मात्रा के हिसाब से 42 प्रतिशत घटकर 315.9 टन रह गई, जो 2019 में 544.6 टन रही थी। मूल्य के हिसाब से यह 22.42 प्रतिशत घटकर 1,33,260 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले साल 1,71,790 करोड़ रुपये रही थी।
कोविड-19 की वजह से लागू प्रतिबंधों के चलते आभूषणों की मांग प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में देश का सोने का शुद्ध आयात 47 प्रतिशत घटकर 344.2 टन रह गया, जो 2019 में 646.8 टन रहा था। डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक, भारत सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि लॉकडाउन में ढील और चरणबद्ध तरीके से स्थिति को सामान्य करने के प्रयासों से बीते साल की चौथी तिमाही में सोने का आयात सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़ा है। यह दबी मांग के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ और सोने की मांग में गिरावट कम होकर सिर्फ चार प्रतिशत रह गई। चौथी तिमाही में सोने की मांग 186.2 टन रही, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 194.3 टन थी। सोमसुंदरम ने कहा, ‘‘2020 की चौथी तिमाही में त्योहारों और शादी-ब्याज के सीजन की वजह से आभूषणों की मांग 137.3 टन रही। यह पूरे साल की सबसे मजबूत तिमाही रही। निवेश की मांग में अच्छा सुधार रहा और यह आठ प्रतिशत बढ़कर 48.9 टन रही।