नई दिल्ली। धनतेरस के पहले देश में एक बार फिर सोने की चमक बढ़ने लगी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सोने की मांग एक बार फिर कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच गयी। रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई सितंबर तिमाही के दौरान सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले 47 प्रतिशत बढ़कर 139.1 टन हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के चलते सोने की मांग में रिकवरी दर्ज हुई है।
सोने की मांग में आई कितनी बढ़त
डब्ल्यूजीसी की ‘स्वर्ण मांग प्रवृत्ति, 2021’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 की सितंबर तिमाही के दौरान देश में सोने की कुल मांग 94.6 टन थी। मूल्य के लिहाज से तिमाही के दौरान में भारत में सोने की मांग 37 प्रतिशत बढ़कर 59,330 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 43,160 करोड़ रुपये थी। डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पी आर ने कहा, ‘‘यह बढ़ोतरी कम आधार प्रभाव, कारोबारी गतिविधियों के सकारात्मक रहने और मजबूत उपभोक्ता भावनाओं को दर्शाती है। इससे टीकाकरण में तेजी और संक्रमण दर में कमी के साथ महामारी के काबू में आने का संकेत भी मिलता है। इस वजह से ही आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल देखने को मिल रह है।’’ डब्ल्यूजीसी के मुताबिक वैश्विक स्तर पर सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 2020 की समान अवधि की तुलना में सात प्रतिशत गिरकर 831 टन रह गई। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की तीसरी तिमाही के दौरान कुल मांग 894.4 टन थी। गोल्ड ईटीएफ से निकासी के कारण यह गिरावट हुई।
आगे भी मांग में बढ़त का अनुमान
सोमसुंदरम के मुताबिक आने वाले समय में प्रतिबंधों में और गिरावट को देखते हुए उम्मीद है कि मौजूदा फेस्टिवल और शादियों के सीजन में सोने की मांग में तेज उछाल देखने को मिल सकता है. और ये सीजन कोविड के शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे व्यस्त सीजन होने जा रहा है। उनके मुताबिक इस दौरान डिजिटल गोल्ड की मांग में भी कई गुना बढ़त देखने को मिली है। सोमसुंदरम ने अनुमान दिया है कि आने वाले समय में कमोडिटी कीमतों और लॉजिस्टिक लागत में बढ़त से महंगाई दर बढ़ सकती है और इससे सोने की मांग में बढ़त का अनुमान है।