नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, लेकिन साथ ही आगाह किया कि देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों से आर्थिक सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकते हैं। एडीबी ने बुधवार को जारी अपने एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) 2021 में कहा, ‘‘व्यापक वैक्सीन अभियान के बीच 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 11 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।’’
एडीबी ने हालांकि कहा कि कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के चलते देश में आर्थिक सुधार की गति जोखिम में पड़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि इसके अगले साल भारत की जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दक्षिण एशिया का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है, जबकि पिछले साल इसमें छह प्रतिशत की गिरावट हुई थी।
परिवार की बचत जीडीपी की 22.5 प्रतिशत
पिछले साल ‘लॉकडाउन’ के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हुए। इस दौरान शायद ही कोई चीज अच्छी हुई लेकिन इस अवधि में परिवार की बचत जरूर बढ़ी। एक रिपोर्ट के अनुसार परिवार की बचत 2020 में बढ़कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की 22.5 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वर्ष में 19.8 प्रतिशत थी। ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषण के अनुसार हालांकि, पिछले साल अप्रैल-जून के दौरान सोना, जमीन आदि के रूप में रखी जाने वाली परिवार की भौतिक बचत कम होकर 5.8 प्रतिशत पर आ गयी। यह महामारी पूर्व स्तर का लगभग आधा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर तिमाही में इसमें सुधार हुआ और जीडीपी की 13.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गयी जो कई साल का उच्च स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़े के अनुसार परिवार की गैर-वित्तीय बचत 2020 की जून तिमाही में जीडीपी की 21.4 प्रतिशत रही जो सितंबर तिमाही में 10.4 प्रतिशत पर आ गयी।