नई दिल्ली। देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.3 प्रतिशत रहेगी। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते पूरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) मार्च तिमाही तथा 2020-21 के लिए जीडीपी का शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारे ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ के अनुसार चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एनएसओ ने चौथी तिमाही में एक प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। ’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। पहले उसने पूरे वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने स्टेट बैंक इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप (एसबीआईएल), कोलकाता के साथ सहयोग में ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ विकसित किया है, जो औद्योगिक गतिविधि, सेवा गतिविधि और वैश्विक अर्थव्यवस्था के 41 उच्च चक्रीय संकेतकों पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। इन 25 देशों ने ही अपने जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं।
कोरोना की पहली लहर के बाद पिछले फेस्टिवल सीजन से मांग और आर्थिक गतिविधियो में बढ़त देखने को मिली थी। जिससे साल 2021 की शुरुआत में तेज रिकवरी के संकेत मिले थे। हालांकि पिछली तिमाही के अंत तक आते आते दूसरी लहर के संकेतों ने रिकवरी की रफ्तार धीमी कर दी। पहली तिमाही में ग्रोथ के बाद अनुमान लगाये जा रहे हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिकवरी पर असर देखने को मिलेगा, हालांकि दूसरी तिमाही से स्थिति सुधर सकती है।
यह भी पढ़ें: PNB दे रहा सस्ते में प्रॉपर्टी खरीदने का मौका, जानिये कैसे उठायें इस योजना का फायदा
यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: सोने की ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा बढ़ी, जानिये कब से लागू होंगे नये नियम