नई दिल्ली। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां अभी भी कमजोर बनी हुई है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है। नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख सकता है लेकिन अक्टूबर और दिसंबर में इसमें 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। सभी विश्लेषकों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण जीडीपी में गिरावट आएगी। क्योंकि इस संकट से मार्च से ही अर्थव्यवस्था में आपूर्ति और मांग दोनों प्रभावित हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति बढ़ी है जिससे वास्तविक आधार पर जीडीपी में गिरावट दर्ज की जाएगी। नोमुरा ने कहा कि वृद्धि के नजरिये से जून तिमाही का आंकड़ा सबसे निम्न स्तर पर होगा और अर्थव्यवस्था में 15.2 प्रतिशत की गिरावट आएगी। साथ ही जीडीपी चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में कभी भी सकारात्मक दायरे में नहीं आएगी।
ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार सितंबर तिमाही में इसमें 5.6 प्रतिशत, दिसंबर तिमाही में 2.8 प्रतिशत और मार्च तिमाही में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। इससे पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी पिछले वित्त वर्ष से 6.1 प्रतिशत कम रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार आपूर्ति के मुकाबले मांग कमजोर बनी रहेगी। इसका कारण खासकर सेवा क्षेत्र की कमजोर गतिविधियां और शहरी खपत मांग में कमी है। इसमें कहा गया है कि ‘लॉकडाउन’ के कारण मांग पर व्यापक प्रभाव है। संकट और आय की अनश्चितता को देखते हुए लोग एहतियातन बचत पर जोर दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आपूर्ति उतनी ही बाधित हुई है जितने समय तक ‘लॉकडाउन’ के रूप में पाबंदियां लगायी गयीं। नोमुरा ने कहा कि रोजगार और बिजली मांग समेत उच्च आवृत्ति वाले आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर जीडीपी का अनुमान लगाया गया है।