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GDP को लेकर आई अच्‍छी खबर, दिसंबर तिमाही में 1.3 प्रतिशत पर सकारात्मक रह सकती है आर्थिक वृद्धि

भारत की जीडीपी में पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 23, 2021 18:30 IST
Prime Minister Narendra Modi- India TV Paisa
Photo:PIB

Prime Minister Narendra Modi

नई दिल्ली। देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान सकारात्मक होकर 1.3 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। इससे पहले की दो तिमाहियों के दौरान कोरोना वायरस महामारी के फैलने के कारण इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में तिमाही के जीडीपी आंकड़े सरकार शुक्रवार को जारी करेगी। डीबीएस बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की गिरावट रह सकती है।

बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2020 की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी दर सकारात्मक दायरे में आ सकती है। डीबीएस समूह की शोध अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति में तेजी से सुधार आने और लोगों के खर्च में तेजी से वृद्धि होना दो ऐसे कारक रहे हैं जो दिसंबर 2020 तिमाही के लिए बेहतर होंगे। भारत की जीडीपी में पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

डीबीएस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब तीसरी तिमाही में यह सकारात्मक हो जाएगी और इसमें 1.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी। डीबीएस शोध रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों से पाबंदी हटने के बाद त्यौहारों के मौसम में मांग बढ़ने, खपत बढ़ने और क्षमता उपयोग में सुधार आने से अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में भी गतिविधियां शुरू हुई हैं। वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान रिजर्व बैंक के 10.5 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से मामूली अधिक है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक 2021 में भारत 11.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करेगा। 

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भारत, मॉरीशस ने किया मुक्त व्यापार समझौता

भारत और मॉरीशस ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत कृषि, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्षेत्रों के 300 से अधिक घरेलू सामानों को मॉरीशस में रियायती सीमा शुल्क पर बाजार में प्रवेश मिलेगा। वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, वाणिज्य सचिव अनूप वधावन और मॉरीशस क्षेत्रीय एकीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सचिव (विदेश मामले) राजूदत हेमंडोयल डिलम ने भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौते पर पोर्ट लुईस में सोमवार को हस्ताक्षर किए।

इस समझौते के ऊपर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जगनाथ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। मंत्रालय ने कहा कि यह अफ्रीका के किसी देश के साथ भारत का पहला ऐसा समझौता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 फरवरी को इस संधि पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी थी। इसके तहत मॉरीशस की 615 तरह की वस्तुओं/उत्पादों के आयात पर भारत में शुल्क कम या नहीं लगेगा। इनमें फ्रोजन मछली, बीयर, मदिरा, साबुन, थैले, चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं। भारत और मॉरीशस के बीच 2019-20 में 69 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था और भारत का निर्यात ऊंचा था। इससे एक साल पहले व्यपपार 1.2 अरब डॉलर का था। 

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