नई दिल्ली: इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पहले के 10.1 प्रतिशत के अनुमान से कम है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, कोविड 2.0 की गति और इसके पैमाने को देखते हुए यह नहीं लगता है कि वित्त वर्ष 22 में यह पहले के 10.1 प्रतिशत की दर पर बनी रह पाएगी।
अब एजेंसी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 9.6 प्रतिशत पर आ जाएगी। हालांकि, यह दर 31 दिसंबर, 2021 तक भारत द्वारा अपनी पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने पर निर्भर है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, 1-20 जून के दौरान औसत दैनिक टीकाकरण 32 लाख था, जो 21 जून को बढ़कर 87.3 लाख हो गया। यदि टीकाकरण की गति 21 जून के स्तर के करीब बनी रही, तो भारत उक्त लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम हो जाएगा। टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में तीन महीने तक की देरी हो जाती है, जो जीडीपी और नीचे गिरकर 9.1 प्रतिशत की दर पर आ जाएगी।
एजेंसी के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के चलते पहले से ही खपत में कमी देख रही है। पीएफसीई वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में ही नकारात्मक 26.2 प्रतिशत तक गिर गया है। हालांकि इसके बाद से इसमें सुधार देखने को मिला है और अब उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में इसमें तेजी आएगी। हालांकि, कोरोना की मार का सामना यह भी कर रहा है।