नई दिल्ली| आर्थिक गतिविधियों में सुधार की वजह से वित्त वर्ष 2022 में बिजली की मांग 12 प्रतिशत बढ़ सकती है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट मे ये अनुमान दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार से वित्त वर्ष 2022 में बिजली की मांग सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी और लो बेस इफेक्ट से जुलाई 2021 में बिजली उत्पादन में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि की।
रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर राज्यों में बिजली उत्पादन में भी वृद्धि हुई है, जो मांग में वृद्धि को दिखाता है। हालांकि, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और गुजरात में बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। गुजरात में उत्पादन में गिरावट काफी हद तक मुंद्रा संयंत्र उत्पादन में गिरावट के कारण है, जो आयातित कोयले की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण है, जिससे संयंत्र मौजूदा स्तर पर संचालित करने के लिए अव्यवहारिक हो गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिजली उत्पादन में वृद्धि कोयला और नवीकरणीय (आरईएस) क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के कारण हुई। कोयला, हाइड्रो, न्यूक्लियर और आरईएस सेगमेंट के लिए प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) में सुधार हुआ है, जबकि यह गैस सेगमेंट में गिर गया है। इसके अलावा, अगस्त के महीने में 15 अगस्त तक मांग और उत्पादन में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
इससे पहले जुलाई में देश की बिजली की खपत महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी। सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 125.1 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गयी। जुलाई, 2020 में बिजली की खपत 112.4 अरब यूनिट रही थी। यह महामारी से पहले यानी जुलाई, 2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मानसून में देरी तथा राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग के अलावा खपत भी जुलाई में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। आगामी महीनों में इसमें और सुधार की उम्मीद है। जुलाई में व्यस्त समय की पूरी की गयी बिजली की मांग या दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 200.7 गीगावॉट की रही। यह सात जुलाई, 2021 को दर्ज की गयी। इसके अलावा दैनिक बिजली की खपत भी सात जुलाई को बढ़कर सर्वकालिक उच्चस्तर 450.8 करोड़ यूनिट पर पहुंच गई। जुलाई, 2020 के पूरे महीने में व्यस्त समय की पूरी की गयी बिजली की मांग 170.40 गीगावॉट थी। इस तरह जुलाई, 2021 में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग करीब 18 प्रतिशत अधिक रही। दो जुलाई, 2020 को व्यस्त समय की बिजली की मांग 170.40 गीगावॉट दर्ज की गई थी।
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