नई दिल्ली। कीमतों में नरमी से बढ़े उपभोग के चलते जून माह के दौरान देश में पेट्रोल व डीजल सहित ईंधन की मांग 8.6 प्रतिशत बढ़ गई। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण सेल के आंकड़ों के अनुसार इस साल जून में ईंधन की खपत पिछले साल के समान महीने के 165.60 लाख टन से बढ़कर 179.90 लाख टन पर पहुंच गई। यह वृद्धि मई की वृद्धि की तुलना में दोगुनी से अधिक है। मई में मांग 181 लाख टन रही थी। पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ने से देश को कच्चे तेल का अधिक आयात करना पड़ता है, जिससे विदेशी मुद्रा खर्च होती है। इसके अलावा अधिक उपभोग होने से कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ता है जिससे वायू प्रदूषण की समस्या बढ़ने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन कम करने पर सरकार को अधिक उपाय करने पड़ते हैं।
जून महीने के दौरान पेट्रोल की बिक्री 14.9 प्रतिशत बढ़कर 23.7 लाख टन तथा डीजल की बिक्री 7.75 प्रतिशत बढ़कर 73.2 लाख टन रही। मई में पेट्रोल की खपत मामूली दो प्रतिशत बढ़ी थी, जबकि डीजल मांग स्थिर रही थी।
जून के दौरान विमानन ईंधन की बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 6.79 लाख टन पर पहुंच गई। इस दौरान रसोई गैस की खपत भी 2.6 प्रतिशत बढ़कर 19.3 लाख टन पर पहुंच गई।
एलपीजी की खपत बढ़ने से केरोसीन के इस्तेमाल में जून में 12 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 3.14 लाख टन पर आ गई। इस दौरान नाफ्था की बिक्री 10.9 प्रतिशत बढ़कर 17.3 लाख टन तथा पेट्रोलियम कोक की बिक्री 12.7 प्रतिशत बढ़कर 22 लाख टन पर पहुंच गई।