नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.14 अरब डॉलर घटकर 640.87 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.91 अरब डॉलर बढ़कर 642.01 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि सप्ताह में कुल मुद्रा भंडार में अहम हिस्सा रखने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 88.1 करोड़ डॉलर घटकर 577.58 अरब डॉलर रह गईं।
डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 23.4 करोड़ डॉलर घटकर 38.77 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 19.28 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.22 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा भंडार के आकार के हिसाब से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है। टॉप 3 में शामिल देश चीन, जापान और स्विटजरलैंड का विदेशी मुद्रा भंडार 1000 अरब डॉलर से ऊपर है।
किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी अहम होता है, दुनिया भर के दिग्गज वित्तीय संस्थान मान रहे हैं कि कोविड की वजह से सरकारी घाटा बढ़ रहा है लेकिन ऊंचे विदेशी मुद्रा भंडार से अर्थव्यवस्था के लिये चिंता की कोई बात नहीं है। फिलहाल भारत का विदेशी मुद्रा भंडार डेढ़ साल से ज्यादा वक्त के आयात के लिए पर्याप्त है। सितंबर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 अरब डॉलर के स्तर के पार पहुंच गया जो कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार का रिकॉर्ड स्तर है। साल 2004 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने 100 अरब डॉलर की सीमा पार की थी, वहीं जून 2020 के पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। जून के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर ही बना हुआ है।