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ऊंचे विदेशी मुद्रा भंडार से बढ़ेगा विदेशी मुद्रा प्रवाह, कम होगी विदेशी कर्ज की लागत

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 22, 2020 8:20 IST
India’s forex reserves at record lable- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

India’s forex reserves at record lable

नई दिल्‍ली। देश में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे 516 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार से और अधिक विदेशी मुद्रा प्रवाह आकर्षित करने के साथ ही कंपनियों के लिए विदेशी कोष की लागत कम करने में भी मदद मिलेगी। एक रिपोर्ट में यह संभावना व्यक्त की गई है। बैंक ऑफ अमेरिका की मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के पद संभालने के बाद से ही विदेशी मुद्रा भंडार में 81 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।

शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में रिजर्व बैंक के गवर्नर कार्यभार संभाला था। उनके बैंक के गवर्नर रहते विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है। उनके प्रयासों के चलते बिमल जालान, वाई वी रेड्डी जैसे रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नरों का समय याद आ गया। उनके समय में पहली बार देश का आरक्षित कोष आयात को पूरा करने लायक पर्याप्त स्तर पर पहुंचा था। आज देश का 516 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी प्रतिकूल स्थिति से बचाने के लिए काफी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार करीब 15 महीने की आयात जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 20 प्रतिशत तक है। वहीं कोविड-19 से पहले 11.4 महीने के आयात लायक कवर उपलब्ध था।

हालांकि, अधिक माह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का पर्याप्त होना काफी कुछ कच्चे तेल के घटे दाम की वजह से भी संभव हुआ है। रिपोर्ट में यह भी संभावना व्यक्‍त की गई है कि ऊंचे विदेशी मुद्रा भंडार से चालू खाता यथावत रह सकता है। हालांकि, यह स्थिति तब होगी जब वर्ष के दौरान कच्चे तेल का औसत दाम 43.7 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहता है, और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक देश के शेयर बाजारों में वर्ष के दौरान सात अरब डॉलर की राशि डालें।

रिपोर्ट में वर्ष के दौरान दिसंबर तक रुपए के 74 रुपए प्रति डॉलर के आसपास रहने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा गया है कि रिजर्व बैंक रुपए को समर्थन देने के लिए बाजार में 50 अरब डॉलर तक बेच सकता है और दूसरी तरफ डॉलर के कमजोर पड़ने पर वह बाजार से 45 अरब डॉलर तक खरीद भी सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है। इससे पहले 2019-20 में रिजर्व बैंक ने 45 अरब डॉलर बाजार में डालकर रुपए को बचाया है।

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