नई दिल्ली। पिछले महीने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देखने को मिली है। थोक महंगाई दर फरवरी में घटकर 2.26 फीसदी पर आ गई। इससे पहले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.10 फीसदी दर्ज की गई थी। देश की थोक महंगाई दर के ये आधिकारिक आंकड़े सोमवार को जारी हुए। महंगाई दर में कमी आने की सबसे बड़ी वजह दालों और सब्जियों के रेट में कमी।
हालांकि, अंडे और मांस-मछली की महंगाई दर में थोड़ी तेजी फरवरी में देखने को मिली है। अंडे और मांस-मछली की महंगाई दर 6.73 फीसदी से बढ़कर 6.88 फीसदी पर आ गई है वहीं आलू की महंगाई दर में भी कमी देखी गई है और सब्जियों में इसके दाम में कमी का असर खाद्य महंगाई में कटौती के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि जनवरी 2020 में थोक महंगाई दर 3.1 फीसदी, दिसंबर 2019 में 2.59 फीसदी पर थी। आर्थिक जानकारों के मुताबिक सब्जियों के दामों में आई तेजी के चलते पिछले कुछ महीनों में थोक महंगाई दर लगातार बढ़ती जा रही है। महंगाई दर से जुड़े आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब अगले महीने की शुरुआत में RBI अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों की समीक्षा करेगा।
खाद्य कीमतों में नरमी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में धीमी पड़कर 6.58 प्रतिशत पर आ गई। सरकार ने इस संबंध में 12 मार्च को आंकड़े जारी किए। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2020 में 7.59 प्रतिशत थी, जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 2.57 प्रतिशत था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में खाद्य क्षेत्र की महंगाई घटकर 10.81 प्रतिशत रही, जो जनवरी में 13.63 प्रतिशत थी। गौरतलब है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है। केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर खासतौर पर गौर करता है।