नई दिल्ली। देश का ई-कॉमर्स बाजार साल 2024 तक 84 प्रतिशत की बढ़त के साथ 111 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। फिनटेक कंपनी एफआईएस ने अपनी रिपोर्ट में ये अनुमान दिया है। एफआईएस के मुताबिक कोविड 19 महामारी के बीच डिजिटल टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से ये ग्रोथ हासिल की जा सकती है।
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि महामारी की वजह से भारत सहित दुनिया भर में ग्राहकों की आदतों में बदलाव देखने को मिल रहा है और भुगतान के नए तरीकों में बढ़त दर्ज हो रही है। एफआईएस ने साल 2021 की ग्लोबल पेमेंट रिपोर्ट में 41 देशों में भुगतान के तरीकों और भविष्य के ट्रेंड्स को शामिल किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मोबाइल शॉपिंग में बढ़त से साल 2024 तक ई-कॉमर्स बाजार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 111 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल शॉपिंग में अगले 4 साल के दौरान सालाना 21 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। साल 2020 में डिजिटल वॉलेट (40 प्रतिशत) और क्रेडिट और डेबिट कार्ड (15-15 प्रतिशत) ऑनलाइन भुगतान के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले माध्यम रहे। रिपोर्ट में अनुमान दिया गया है कि डिजिटल वॉलेट के जरिए खरीदारी की ऑनलाइन भुगतान में हिस्सेदारी बढ़कर 47 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच सकती है। इसके अलावा ऑनलाइन भुगतान के लिए ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें’ का विकल्प सबसे तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 3 प्रतिशत हैं, रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में ये हिस्सेदारी बढ़कर 9 प्रतिशत हो जाएगी।
रिपोर्ट में इसके साथ ही अनुमान दिया गया कि भारत का प्वाइंट ऑफ सेल बाजार साल 2024 तक 41 प्रतिशत बढ़कर 1035 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। हालांकि देश में अभी भी स्टोर में भुगतान या ऑफलाइन भुगतान का पसंदीदा तरीका कैश है। नकद भुगतान की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत, डिजिटल वॉलेट की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत और डेबिट कार्ड से भुगतान की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।
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