नई दिल्ली: सोमवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट मुताबिक, मिलिनिएल्स और जेन जेड के नेतृत्व में ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी हुई है। इसे देखते हुए भारत का डिजिटल विज्ञापन बाजार अगले दशक में 10 गुना बढ़ने की उम्मीद है। साल 2020 में इसमें 3 अरब डॉलर बढ़ोतरी हुई है। आने वाले साल 2030 तक यह 25-30 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। डिजिटल विज्ञापन बाजार के कुल विज्ञापन बाजार में 70-85 प्रतिशत का योगदान होने की संभावना है, जो वर्तमान में देश में 33 प्रतिशत है।
आधारित बाजार अनुसंधान फर्म (रिडसीर) के रिपोर्ट के मुताबिक, इस बढ़ते विकास के लिए जीडीपी/केपीटल, डिजिटल बैंकीं में वृद्धि और डारेक्ट टू सेलार / चैलेंजर ब्रांडों का डिजिटल विज्ञापनों के विकास को आगे बढ़ाएंगे। रिडसीर के इंगेजमेंट मैनेजर,अभिषेक गुप्ता ने कहा,नए जमाने की कंपनियां हाल के वर्षों में डिजिटल विज्ञापनों पर प्रमुख रूप से खर्च कर रही हैं।
ट्रेडिशनल कंपनियां भी डिजिटल पर तेजी से खर्च कर रही हैं। इस बढ़ती विकास का एक प्रमुख हिस्सा युवा और टिनेजर्स है। जो अपना अधिकांश समय डिजिटल पर बिताते हैं। उन्होंने कहा, इस प्रवृत्ति के केवल बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि विशेष रूप से टियर 2प्लास( बड़े शहर) शहरों में अधिक लोग वेबसाइटों, ऐप्स, सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक डिजिटल रूप से जुड़ते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 बनाम 2020 की तुलना से पता चलता है कि, लोकप्रिय ऐप में मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता (एमएयू) कितने महत्वपूर्ण हैं, जिसमें चैट मैसेंजर, ओटीटी, ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया, जैसे अन्य शामिल हैं। यह वृद्धि यूजर्स द्वारा खर्च किए गए समय, जुड़ाव और अन्य फैक्टार में भी रिफ्लेक्ट होती है। भारत के डिजिटल विज्ञापन खर्च में लगातार वृद्धि हुई है।
हालांकि, यह तुलनात्मक रूप से चीन और अमेरिका जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है। जहां डिजिटल अपनाने की दर अभी भी भारत की तुलना में अधिक है। गुप्ता ने जोर कहा डिजिटल विज्ञापनों का विकास जारी रहने और मजबूत होने की संभावना है। क्योंकि कोविड के मद्देनजर डिजिटल सेवाओं के यूजर्स कई गुना बढ़ गऐ है। यह कंपनियों और ब्रांडों द्वारा खर्च किए गए विज्ञापन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जरुरी है। क्योंकि यूजर्स इन प्लेटफार्मों पर अतिरिक्त समय और खर्च करते है।