नई दिल्ली। देश का चालू खाते का घाटा चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 1.4 अरब डॉलर पर आ गया। रिजर्व बैंक के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.2 प्रतिशत के बराबर है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा जीडीपी के 2.7 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की इससे पिछली तिमाही में जीडीपी का 0.9 प्रतिशत था।
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक चालू खाते के घाटे (कैड) में आई इस तेज गिरावट की वजह व्यापार घाटे का नीचे आकर 34.6 अरब डॉलर रहना और सेवाओं के निर्यात में वृद्धि होना है। कैड देश की वृहद आर्थिक स्थिति का एक मुख्य संकेतक है। किसी देश का चालू खाता घाटा उसके कुल आयात और निर्यात का अंतर होता है।
कैड के आंकड़े उस दिन आए हैं जब डॉलर के मुकाबले रुपया 74.24 पर बंद हुआ। यह पिछले 17 महीने में रुपए का सबसे निचला स्तर है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में कैड जीडीपी के एक प्रतिशत के दायरे में सीमित रहा।
सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव पांडा को रिजर्व बैंक के बोर्ड में मनोनीत किया
सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में मनोनीत किया है। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव देवाशीष पांडा को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में राजीव कुमार की जगह निदेशक मनोनीत किया है। पांडा का मनोनयन 11 मार्च, 2020 से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।