नई दिल्ली। देश का तांबा आयात चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़कर 60,766 टन पर पहुंच गया। कोविड-19 की वजह से लगाए गए अंकुशों में ढील के बाद अब आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं। ऐसे में शेष वित्त वर्ष में तांबे के आयात का आंकड़ा ऊंचा रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय तांबा संघ ने यह जानकारी दी। संघ ने कहा कि देश में तांबे की जरूरत को पूरा करने की पर्याप्त क्षमता के बावजूद आर्थिक वृद्धि के रफ्तार पकड़ने से चालू वित्त वर्ष में आयात का आंकड़ा तीन लाख टन पर पहुंच सकता है।
संघ ने कहा ‘‘चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तांबे का आयात 26 प्रतिशत बढ़कर 60,766 टन पर पहुंच गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 48,105 टन रहा था। महामारी की दूसरी लहर के बावजूद आयात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।’’ इस महत्वपूर्ण धातु की मांग शेष वित्त वर्ष में और बढ़ने की उम्मीद है। इसका इस्तेमाल विविध क्षेत्रों में होता है। कोविड-19 से संबंधित अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है और उसी के अनुरूप तांबे की मांग भी बढ़ रही है। बीते वित्त वर्ष में भारत ने 2,33,671 टन तांबे का आयात किया था। संघ ने कहा कि आयात में 26 से 30 प्रतिशत की वृद्धि के हिसाब से देखा जाए, तो 2021-22 में तांबे का आयात 2,95,000 से 3,04,000 टन के बीच रह सकता है। संघ के निदेशक मयूर करमाकर ने कहा, ‘‘तांबे का आयात काफी तेजी से बढ़ रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। अन्य देशों को हमारी कीमत पर लाभ हो रहा है। हमारे पास पर्याप्त घरेलू क्षमता है। इसके बावजूद आयात में तेज वृद्धि हो रही है।’’
वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर अपनी खानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। इसके अलावा कंपनी विस्तार परियोजनाओं के जरिये अपनी खनन क्षमता को भी बढ़ा रही है। कंपनी ने 2010-11 में अपनी खान उत्पादन क्षमता को 34 लाख टन सालाना से बढ़ाकर 1.22 करोड़ टन सालाना करने का लक्ष्य रखा था। बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 20.2 करोड़ टन सालाना कर दिया गया। कंपनी ने आयात पर निर्भरता को कम करने और तांबा धातु का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए यह लक्ष्य बढ़ाया है।