नई दिल्ली। देश का कोयला आयात चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह यानि अप्रैल-जनवरी में 11.59 प्रतिशत घटकर 18.08 करोड़ टन रह गया। टाटा स्टील और सेल के संयुक्त उद्यम एमजंक्शन सर्विसेज के अस्थायी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। यह एक बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है। साथ ही यह कोयला और इस्पात क्षेत्रों पर शोध रिपोर्ट भी प्रकाशित करती है। इससे पिछले वित्त वर्ष के पहले 10 माह में देश का कोयला आयात 20.45 करोड़ टन रहा था। हालांकि, जनवरी में भारत का कोयला आयात बढ़कर 2 करोड़ टन से अधिक रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 1.86 करोड़ टन रहा था।
एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, ‘‘जनवरी में आयात की मात्रा दिसंबर से कम रही है। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि, बाजार में सतत मांग है, लेकिन आयात का रुख अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों, ढुलाई दरों तथा घरेलू आपूर्ति पर निर्भर करता है।’‘ जनवरी में कोयला आयात 7.4 प्रतिशत अधिक रहा है। जनवरी में कोयले के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.27 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का हिस्सा 56.2 लाख टन रहा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान नॉन कोकिंग कोयले का आयात घटकर 11.98 करोड़ टन रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 14.06 करोड़ टन था। इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 3.91 करोड़ टन रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.11 करोड़ टन था।
बीते साल के अंत में ही सरकार ने कहा था कि देश में कोयले का मौजूदा उत्पादन घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। हालांकि, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। कोयला भंडार के मामले में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है। कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि फिलहाल भारत 72.9 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर रहा है। बीते साल भारत ने 24.7 करोड़ टन कोयले का आयात किया था और इस पर 1.58 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा खर्च की थी।