बीजिंग। भारत द्वारा चीन की और 118 एप्स पर प्रतिबंध लगाने पर चीन ने गुरुवार को कहा कि इससे ना तो भारतीय यूजर्स को और ना ही चीनी कंपनियों को लाभ होगा। चीन ने दावा किया कि यह कदम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) नियमों का उल्लंघन है। भारत ने बुधवार को लोकप्रिय खेल एप पबजी समेत चीन से संबंध रखने वाली 118 और मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इसकी वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा और डेटा निजता से जुड़ी चिंताए बताई गईं। भारत अब तक चीन की कुल 224 एप्स पर प्रतिबंधित कर चुका है। ताजा कदम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ फिर से तनाव बढ़ने के बाद उठाया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन में चीनी एप पर भारत के नए प्रतिबंधों से जुड़े सवाल के जवाब में प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का दुरुपयोग किया और चीनी कंपनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रतिबंध उपायों को अपनाया। यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है और उसकी प्रासंगिकता को कम करता है। चीन भारत से उसकी गलत प्रक्रियाओं को सुधारने का आग्रह करता है।
सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन ने फेंग के हवाले से कहा कि चीन-भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग दोनों के लिए लाभकारी है। चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश बड़ी मुश्किल से तैयार हुए सहयोग माहौल को संयुक्त तौर पर बनाए रखेगा। साथ ही चीनी कंपनियों समेत अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के लिए खुला और निष्पक्ष कारोबारी माहौल तैयार करेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के अलग से संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि भारत के इस कदम ने पहले भारतीय यूजर्स के हित और अधिकार को नुकसान पहुंचाया। इससे चीनी कारोबार के अधिकार और हितों को भी नुकसान हुआ है। ऐसे में भारत ने जो किया है वह किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसी दिन भारत के चीनी एप पर प्रतिबंध का उदाहरण देते हुए अन्य देशों से भी उसका अनुसरण करने को कहा। इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या इसे लेकर भारत और अमेरिका के बीच कोई बातचीत हुई है और इसमें कोई संबंध है।
चुनयिंग ने कहा कि भारत समझदार लोगों की एक पुरातन सभ्यता है। उन्हें पता होना चाहिए कि अमेरिका ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में क्या किया है। डर्टबॉक्स, प्रिज्म, इरिटेंट हॉर्न और मस्कुलर जैसे उदाहरण मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री इंटरनेट केबल की टैपिंग की गई, भारतीय लोगों के पास इतना विवेक होना चाहिए कि उन्हें पता चल सके कि साइबर सुरक्षा को लेकर अमेरिका की गतिविधियां साफ सुथरी हैं या नहीं।