नई दिल्ली। इस साल निर्यात में उल्लेखनीय सुधार आने और आयात में गिरावट के चलते देश के ‘भुगतान संतुलन’ की स्थिति काफी मजबूत रहने की उम्मीद है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यह उम्मीद जताई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बेहतर संकेत दिख रहे हैं और निर्यात में काफी सुधार आया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की के वेबिनार को संबोधित करते हुये गोयल ने कहा, ‘‘हम जुलाई माह में पिछले साल जुलाई के 91 प्रतिशत निर्यात स्तर को हासिल कर चुके हैं। वहीं आयात जुलाई 2019 के सतर का 70 से 71 प्रतिशत के बीच ही है। इस स्थिति में इस साल हमारी भुगतान संतुलन की स्थिति काफी मजबूत रहने वाली है। इस स्थिति को देखते हुये हम आश्वस्त हैं कि भारतीय उद्योग अपने लिये अवसर देखेगा और वृद्धि के अवसर तलाशेगा।’’
देश के निर्यात में जून 2020 में लगातार चौथे माह गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान पेट्रोलियम और कपड़ों के निर्यात में काफी गिरावट दर्ज की गई लेकिन इस दौरान आयात में भी 47.59 प्रतिशत की भारी गिरावट आने के साथ ही पिछले 18 साल में पहली बार देश ट्रेड सरप्लस की स्थिति में पहुंच गया। जून 2020 में देश का व्यापार अधिशेष 0.79 अरब डॉलर रहा।
इससे पहले आईएमएफ की एक रिपोर्ट में भी इस बात के संकेत दिए गए थे जिसके मुताबिक दुनिया भर के चालू खाते का असंतुलन कोरोना वायरस की वजह से 2020 में भी जारी रह सकता है। आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक कारोबार के थमने की वजह से पैसे का प्रवाह धीमा हो गया है जिससे आयात पर निर्भर रहने वालों का खर्च कम हो रहा है वहीं निर्यात करने वालों की कमाई घट रही है। जिससे आयात पर निर्भर देशों की मुद्रा बचने से घाटा कम हो रहा है और दूसरी तरफ निर्यातकों की कमाई घटने से सरप्लस की स्थिति खत्म हो रही है जिससे वैश्विक असंतुलन सीमित हो रहा है। भारत में भी तेल और सोने की मांग का अधिकांश हिस्सा आयात से पूरा होता है। लेकिन इस बार मांग में काफी कमी देखने को मिली है। जिससे आयात बिल का भार घट गया है।