![India rolls back tax surcharge on foreign and domestic equity investors](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
India rolls back tax surcharge on foreign and domestic equity investors
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार में भरोसे को दोबारा मजबूत करने के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार वेल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करती है और उन्होंने विदेशी और घरेली इक्विटी निवेशकों पर सरचार्ज लगाने की घोषणा को वापल लेने का ऐलान किया।
पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इक्विटी शेयर/यूनिट के ट्रांसपर होने वाले लॉन्ग/शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर फाइनेंस एक्ट 2019 द्वारा बढ़ाए गए सरचार्ज को वापस लिया जाएगा। इसके अलावा स्टार्टअप और उनके निवेशकों की मुश्किलों को खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2) (7बी) डीपीआईआईटी के साथ पंजीकृत स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है जहां लाखों लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार में दोबारा भरोसा जगाने के लिए शुक्रवार को तमाम राहत घोषणएं की। उन्होंने कहा कि सभी लंबित टैक्स नोटिस 1 अक्टूबर तक क्लियर कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है और उनकी सरकार 2014 से ही निरंतर सुधार कर रही है। सीतारमण ने कहा कि सुधारों का असर अब दिखने लगा है और भारत पर आर्थिक मंदी का कोई असर नहीं है। भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक है।