नई दिल्ली। पिछले साल देश में चावल की रिकॉर्ड पैदावार की वजह से इस साल चावल निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तवर्ष 2017-18 के पहले 7 महीने यानि अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। अप्रैल से अक्टूबर में देश से कुल मिलाकर 72,52,737 टन चावल का निर्यात हो चुका है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान देश से 60,53,528 टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल बासमती चावल का निर्यात तो लगभग पिछले साल के जैसा ही हो रहा है लेकिन गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पश्चिम अफ्रीकी देशों के साथ नेपाल और बांग्लादेश में इस साल भारत के गैर बासमती चावल की मांग बढ़ी है जिस वजह से अप्रैल से अक्टूबर के दौरान कुल 48,87,739 टन गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट हो चुका है जबकि पिछले साल इस दौरान देश से 37,49,788 टन गैर बासमती चावल निर्यात हुआ था। फसल वर्ष 2016-17 के दौरान देश में चावल उत्पादन 11 करोड़ टन से अधिक हुआ है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन है, ज्यादा पैदावार की वजह से निर्यात को बढ़ाने में मदद मिल रही है।
बासमती चावल की बात करें इस साल ईरान एक बार फिर से भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। ईरान की खरीद बढ़ने की वजह से इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देश से कुल मिलाकर 23,65,998 टन बासमती चावल एक्सपोर्ट हुआ है जबकि 2016-17 में इस दौरान देश से 23,03,740 टन बासमती चावल एक्सपोर्ट हुआ था।
पिछले 2 साल में दुनियाभर में भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बनकर उभरा है, थाईलैंड और वियतनाम को पछाड़कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है, इस साल भी दुनियाभर में भारत के सबसे बड़े चावल निर्यातक बने रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। यानि लगातार तीसरे साल भी भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बना रह सकता है।