नयी दिल्ली। सरकार ने अमेरिका में उत्पादित या वहां से आयात की जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों सहित 28 विनिर्दिष्ट वस्तुओं पर प्रशुल्क बढ़ाने की अधिसूचना शनिवार को जारी की। अमेरिका के खिलाफ जवाबी व्यापारिक कार्रवाई के तहत बढ़ाई गयी नयी दरें आज (रविवार) से लागू हो जाएंगी। इस कार्रवाई से इन वस्तुओं का निर्यात करने वाले अमेरिकी कारोबारी प्रभावित होंगे तथा प्रशुल्क बढने से भारत में इन वस्तुओं का आयात महंगा हो जाएगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एंव सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 30 जून 2017 की अपनी एक पुरानी अधिसूचना को संशोधित करते हुए शनिवार को संबंधित अधिसूचना जारी की। सीबीआईसी ने कहा है कि इस अधिसूचना के तहत 'अमेरिका में उत्पादित या वहां से निर्यातित 28 विनिर्दिष्ट उत्पादों पर प्रतिकारात्मक प्रशुल्क लगाए जाएंगे।'
अधिसूचना में कहा गया है कि अमेरिका को छोड़ कर बाकी देशों से इन वस्तुओं पर व्यापार में तरजही देश (एमएफएन) की व्यवस्था के तहत पहले से लागू दरें पूर्ववत बनी रहेंगी। पहले अमेरिका की 29 वस्तुओं के खिलाफ कार्रवाई की बात थी। इस कार्रवाई में भारत को 21.7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। भारत के इस्पात और एल्युमरीनियम पर अमेरिका में शुल्क बढ़ाए जाने के बाद सरकार ने अमेरिका के खिलाफ यह कार्रवाई करने का निर्णय गत वर्ष 21 जून को ही ले लिया था। पर इसे कई बार टाल दिया गया था।
पहले 29 वस्तुओं पर शुल्क बढाने की योजना थी पर अधिसूचना में विशेष प्रकार की झींगा मछली को सूची से निकाल दिया गया है। अमेरिका ने पिछले साल भारत से कुछ इस्पात वस्तुओं पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाया था। पहले इन पर वहां कोई प्रशुल्क नहीं लगाया जाता था। भारत ने जवाबी कार्रवाई में अखरोट पर शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 120 प्रतिशत तथा काबुली चना, चना और मसूर दाल पर शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 70 प्रतिशत कर दिया है। कुछ अन्य दालों पर प्रशुल्क 40 प्रतिशत तक किया गया है। अमेरिका से आने वाले बोरिक एसिड और ढ़लाई के सांचे बांधने में काम आने वाले बाइंडर पर 7.5 प्रतिशत की दर से शुल्क लागू होगा।
अमेरिका ने भारत को व्यापार में वरीयता की अपनी सामान्य व्यवस्था (जीएसपी) के तहत प्रशुल्क मुक्त निर्यात की सुविधा पांच जून को खत्म कर दी। इससे पहले उम्मीद थी कि बातचीत में व्यापारिक मुद्दों का समाधान हो जाएगा। जीएसपी की छूट समाप्त होने से भारत से सालाना 5.5 अरब डालर मूल्य का निर्यात प्रभावित होने का अनुमान है। भारत अमेरिका को सालाना 1.5 अरब डालर का इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों का निर्यात करता है। 2017-18 में भारत से अमेरिका को निर्यात 47.9 अरब डालर और आयात 26.7 अरब डालर के बराबर था।