नई दिल्ली। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से भारत अब भी विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है। मजबूत घरेलू खपत से एफडीआई प्रवाह बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा एवं कृषि क्षेत्र की मदद से विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के साथ देश में खपत मांग मजबूत बनी रही, जिससे निवेश के लिहाज से भारत आकर्षक गंतव्य बना है।
देश में 2017-18 में 37.3 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 36.3 अरब डॉलर का एफडीआई प्रवाह देश में हुआ। इससे भी पहले 2015-16 में 36.06 अरब डॉलर का एफडीआई आया। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कई विशिष्ट कारक हैं, जो भारत में निवेश को आगे भी जारी रखने में मदद कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में, लगातार तीसरे साल मानसून सामान्य रहने से कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
आरबीआई ने कहा कि घरेलू एंव निर्यात स्तर पर नए कारोबारी ऑर्डर मिलने से विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रही। इसके अलावा क्षमता उपयोग में इजाफा और बचे हुए माल का स्टॉक कम होने से भी विनिर्माण गतिविधियों को समर्थन मिला। बैंक ने सेवा क्षेत्र को लेकर कहा कि इसमें तेजी आ रही है और रोजगार स्थितियों में विस्तार से मांग स्थितियों में सुधार हो रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार सेवाओं, खुदरा एवं थोक कारोबार, वित्तीय सेवा क्षेत्र और कम्प्यूटर सेवा क्षेत्र में अधिक निवेश से एफडीआई निवेश में तेजी रही। स्त्रोत के आधार पर, सबसे ज्यादा विदेशी निवेश मॉरीशस और सिंगापुर से हुआ। कुल निवेश में इनकी हिस्सेदारी करीब 61 प्रतिशत है।