वॉशिंगटन। भारत की आर्थिक वृद्धि दर में हाल के वर्षों में अच्छी वृद्धि हुई है। इससे सरकार द्वारा टैक्स का दायरा बढ़ाने के प्रयास की गुंजाइश बनी है। अंतरराट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के शीर्ष अधिकारी ने यह कहा।
उन्होंने कहा कि हम बुनियादी ढांचा निवेश के संरक्षण तथा टैक्स को व्यापक बनाने के प्रयास के साथ व्यय को युक्तिसंगत बनाने समेत राजकोषीय संरचनात्मक उपायों के संदर्भ में भारत सरकार के साथ गठजोड़ करते रहे हैं। गासपेर ने कहा कि इस संदर्भ में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश में वास्तविक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार सृजित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, हमें टैक्स दायरे को व्यापक बनाने के प्रयास की गुंजाइश दिखाई देती है, आय असामनता को देखते हुए अधिक प्रगतिशील आयकर के लिए गुंजाइश देखते हैं। हम मध्यम अवधि के मसौदे के मामले को देखते हैं और हमें पता है कि प्राधिकरण उस पर काम कर रहा है।
गासपेर ने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों में असमानता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी बदलाव आर्थिक वृद्धि तथा एक-दूसरे देशों से जुड़ने के प्रमुख चालक हैं। गासपेर ने कहा, 1980 की शुरुआत से एक अरब से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और इनमें से अधिकतर चीन और भारत से आते हैं।