नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर लगातार बड़े झटके लग रहे हैं। आईएमएफ के बाद अब वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को लेकर अपना अनुमान घटाते हुए बड़ा बयान दिया है।
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (फिच ग्रुप) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त दर 5.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। हालांकि, फिच ने ये भी कहा कहा है कि नकारात्मक जोखिम का खतरा इस साल देश की अर्थव्यवस्था व जीडीपी पर बना रहेगा।
बता दें कि, इससे पहले अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के चलते फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर के 4.6 फीसदी रहने की संभावना जताई है। वहीं 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी और 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान जताया गया था। इसके अलावा पिछले दिनों फिच ने कहा था कि भारत में अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों को क्षेत्र में होने वाले नीतिगत बदलावों और रिलायंस रिटेल के ई-कॉमर्स कारोबार में कदम रखने से 2020 में दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
विश्व की कई रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटा दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ के मुताबिक इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 1.3 फीसदी घटकर 4.8 फीसदी के दर से बढ़ेगा। बता दें कि आईएमएफ 9वीं ऐसी एजेंसी है जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ के अनुमान को कम किया है। मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर के 4.6 फीसदी रहने की संभावना जताई है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 की विकास दर का अनुमान जारी किया था। इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में जीडीपी पांच फीसदी रहेगी, जो पिछले एक दशक में सबसे कम है। हालांकि, सरकार बजट के बाद फरवरी महीने में वित्त वर्ष का दूसरा अनुमान जारी करेगी।
विश्व बैंक ने की विकास दर के अनुमान में कटौती
विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत की जीडीपी में बढ़त दर सिर्फ पांच फीसदी रह सकती है। लेकिन अगले वित्त वर्ष में भारत के जीडीपी में विश्व बैंक ने 5.8 फीसदी बढ़त का अनुमान जताया है। यह वर्ल्ड बैंक के अनुमान में बड़ी कटौती है। इससे पहले अक्तूबर माह में विश्व बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी में छह फीसदी की ग्रोथ हो सकती है।